Where is the important airport of aliens? | कहां पर है एलियंस का महत्वपूर्ण एयरपोर्ट ?- Part-4

Where is the important airport of aliens?

 इन्हें कैसे बनाया गया? यह विज्ञान के लिए आज भी एक अबूझ पहेली है, क्योंकि कोई ऐसी तकनीक नहीं थी, जो उस जमाने में इस 'एयरपोर्ट' को बना सकती थी। आज की आधुनिक टेकनोलॉजी को भी इसे बनाने में भारी मशक्कत करना पड़ेगी, तब उस काल के मानव के लिए यह बनाना असंभव था। इसे कोई एलियंस ही बना सकता है और वह भी रातोरात?

 How were they made? This is still an inexplicable puzzle for science, because there was no technology that could make this 'airport' at that time. Today's modern technology will also have to make a lot of effort to make it, then it was impossible for the humans of that era to make it. It can be made only by aliens and that too overnight?

 इंका सभ्यता के राजा से जब यह पूछा गया कि यह विशालकाय और इतनी सुंदर तरीके से तराशी गई चट्टानें कहां से आईं और इन्हें स्मारक जैसा रूप किसने दिया तो राजा ने कहा कि यह मैंने नहीं बनवाई। आकाश से कोई आया था जिसने ये बनाए और हमारे लिए छोड़कर चले गए।

 When the king of the Inca civilization was asked from where did these huge and so beautifully carved rocks come from and who gave them the form of a monument, the king said that I did not build it. Someone came from the sky who made these and left for us.

 रातोरात पूरी सभ्यता कैसे खड़ी की जा सकती है? दक्षिण अमेरिका के इस गुमनाम शहर का नाम है- 'पुम्मा पुंकु'। इस शहर को 'एलियंस' ने बसाया और इसके पास महज 7 मील की दूरी पर उन्होंने एक 'एयरपोर्ट' भी बनाया और वह भी रातोरात।

 How can an entire civilization be built overnight? The name of this anonymous city in South America is - 'Pumma Punku'. This city was settled by 'aliens' and just 7 miles away from it, they also built an 'airport' and that too overnight.

 रातोरात खड़े किए गए इस विशालकाय ढांचे का एक-एक पत्थर 26 फीट ऊंचा और 100 टन वजनी है। ग्रेनाइट पत्थर से बने यह एच (H) शैप के पत्थर 13 हजार फीट की ऊंचाई पर आखिर कैसे ले जाए गए। एक या दो पत्थर नहीं, बल्कि सैकड़ों एच ब्लॉक। वैज्ञानिकों ने जब इन पत्थरों पर शोध किया तो पाया कि इतनी सफाई से बने ये पत्थर के ब्लॉक हाथों से तो कतई नहीं बनाए जा सकते। यह तो भौतिकी का बेहतर उदाहरण है। उनके होल्स और इनके किनारे बिल्कुल सटीक बने हैं। यह किसी मशीनी टूल्स, डायमंड टूल्स या लेजर से ही बन सकते हैं।

 Each stone of this massive structure, erected overnight, is 26 feet high and weighs 100 tons. How the stones of this H shape made of granite stone were taken to the height of 13 thousand feet. Not one or two stones, but hundreds of H blocks. When scientists researched these stones, they found that these stone blocks made so cleanly could not be made by hands at all. This is a better example of physics. Their holes and their edges are precisely made. It can be made with any machine tools, diamond tools or laser.

 खोजकर्ताओं ने इसके कार्बन टेस्ट से पाया कि ये पत्थर करीब 27 हजार वर्ष पुराने हैं। इन एच ब्लॉक के पत्थरों का ग्राफ बनाकर उसका डाटा कंप्यूटर में फिट किया गया और फिर से कंप्यूटर पर उसी तरह जोड़ा गया जबकि उन्हें उस काल में जोड़ा गया था तो एक विशाल प्लेटफॉर्म या कहें एयर ट्रैक बनता है, जो विशालकाय जायंट एयरशटल के उतरने के लिए था। लेकिन 1100 ई. पूर्व यह इलाका पूरी तरह से तबाह हो गया। कैसे? बाढ़ से, युद्ध से, उल्का से या फिर अन्य किसी कारण से।

 The explorers found from its carbon test that these stones are about 27 thousand years old. The graph of the stones of these H-blocks was made and its data was fitted in the computer and again added to the computer in the same way as when they were connected at that time, then a huge platform or say air track is formed, which can be used for the landing of the giant giant air shuttle. was for But before 1100 BC this area was completely destroyed. how? Flood, war, meteor or any other reason.

 सबसे खास बात जो शोध से पता चली कि इन्हें सात मील दूर बनाकर यहां असेम्बल किया गया। कई शोधकर्ता इसे मानते हैं कि इसे सुपर टेक्नोलॉजी के ‍जरिए यहां लाया गया और ऐसा तो कोई एलियंस ही कर सकते हैं, इंका सभ्यता के लोग या वहां के आदिवासी नहीं।

 The most important thing that came to know from research is that they were assembled here by making them seven miles away. Many researchers believe that it was brought here through super technology and only aliens can do this, not the people of the Inca civilization or the tribals there.

 आखिर उन्हें रातोरात बनाने की जरूरत क्यों हुई? दरअसल उनकी उड़नतश्तरी को उन्हें कहीं सुरक्षित लैंड करना था और लैंड करने के बाद फिर से उन्हें वहां से निकलना था। इसलिए उन्होंने एक लांच पैड के साथ ही अपने लोगों के रहने के लिए एक स्थान (तिहूनाको) भी बनाया। अंत में वे उन्हें ऐसा का ऐसा ही छोड़कर चले गए।

 Why did they need to be made overnight? Actually, his flying saucer had to land him somewhere safe and after landing he had to get out of there again. So he built a launch pad as well as a place for his people to live (Tihunaco). In the end he left them like this and left.

 जब उन्होंने एक छोटा गांव (तिहूनाको) बनाया तो उन्होंने उसकी दीवारों पर अपने लोगों के चित्र भी बनाए और उनके बारे में भी लिखा। तिहूनाको में काफी तादाद में जो पत्‍थरों की दीवारें हैं उनमें अलग-अलग तरह के मात्र गर्दन तक के सिर-मुंह बने हैं। ये सिर या स्टेचू स्थानीय निवासियों ने नहीं हैं।

 When he built a small village (Tihunaco), he also painted and wrote about his people on its walls. The large number of stone walls in Tihuanaco have different types of head and mouth made only up to the neck. These heads or statues are not by the local residents.

 तिहूनाको के आदिवासी पुमा पुंकु में घटी असाधरण घटना की याद में आज भी गीत गाते हैं। पुमा पुंका में आकाश से देवता उतरे थे।

 The tribes of Tihunaco still sing songs in memory of the extraordinary incident that happened in Puma Punku. The gods descended from the sky at Puma Punka.

 1549 में इंका सभ्यता के खंडहर पाए गए। पुमा पुंकु से आधा किलोमीटर दूर एक नई सभ्यता मिली जिसे तिहूनाको (Tiwanaku, Bolivia) कहा गया। तिहूनाको को जिन्होंने बसाया उन्होंने ही पुमा पुंकु को बनाया।

 In 1549 the ruins of the Inca civilization were found. Half a kilometer away from Puma Punku, a new civilization was found called Tiwanaku (Bolivia). Those who settled Tihunaco made Puma Punku.

 सुमेरियन सभ्यता के टैक्स में भी इस जगह का जिक्र है, जबकि सुमेरियन सभ्यता यहां से 13 हजार किलोमीटर दूर है। सुमेरियन भी मानते हैं कि 'अनुनाकी' नाम का एक देवता धरती पर उतरा था। यह अनुनाकी एलियंस 'ग्रे एलियंस' की श्रेणी का एलियंस था।

 This place is also mentioned in the texts of Sumerian civilization, while the Sumerian civilization is 13 thousand kilometers away from here. The Sumerians also believe that a deity named 'Anunnaki' descended to earth. These Anunnaki aliens were aliens in the category of 'Grey Aliens'.

 

Be sure to read the fifth part of this story to know more.

अधिक जानने के लिए इस कहानी का पाँचवाँ भाग अवश्य पढ़ें।

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